उत्तरी पाकिस्तान के एक गांव में सैकड़ों लोग कथित तौर पर एचआईवी से पीड़ित हो गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां एक डॉक्टर ने दूषित सिरंज का इस्तेमाल किया है. इस बीमारी की चपेट में ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी आ गए हैं. मामला पाकिस्तान के लरकाना का है. बीते महीने प्रशासन को शहर के बाहरी हिस्से के 18 बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद व्यापक स्तर पर जांच हुई और डॉक्टर की करतूत सामने आई.
स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि 400 से अधिक लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें से अधिकतर बच्चे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में ये संख्या और भी बढ़ सकती है. इस गरीब गांव के लोग काफी डरे हुए और गुस्से में हैं. अधिकारियों का कहना है कि ये घटना स्थानीय बाल रोग चिकिस्तकीय की लापरवाही के कारण हुई है.
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यहां डॉक्टरों का कहना है कि दर्जनों की संख्या में लोग उनके पास इलाज के लिए आ रहे हैं. उनके इलाज के लिए कर्मियों और उपकरणों की भी कमी है. यहां अपने बच्चों को लेकर पहुंच रहे माता-पिता काफी डरे हुए हैं. कई का डर तो हकीकत में भी बदल रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि एक साल के बच्चे भी इस बीमरी की चपेट में आ गए हैं. लोग उस डॉक्टर को काफी भलाबुरा बोल रहे हैं, जिसकी वजह से बच्चों को ये बीमारी हुई है.
यहां रहने वाली इमाम जादी के पोते को एचआईवी हो गया है, जिसके बाद वो अपने घर के सभी बच्चों को जांच के लिए लाई हैं. उनका पूरा परिवार डरा हुआ है. गरीब देश पाकिस्तान में लोग इस बीमारी को लेकर अधिक जागरुक नहीं हैं, साथ ही यहां इसका इलाज भी आासानी से नहीं मिल पाता है.
लोगों के जीवन पर संकट?
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां एचआईवी को लेकर कम प्रचार प्रसार होता आया है. लेकिन बीमारी की दर बढ़ती जा रही है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान एशिया का दूसरा देश है, जहां एचआईवी की दर लगातार बढ़ रही है. 2017 में 20 हजार ऐसे मामले अकेले पाकिस्तान से ही थे.
महंगाई के समय में इस देश के लोग इलाज कराने में भी सक्षम नहीं हैं. यहां गरीबी का स्तर भी बढ़ता जा रहा है. यूएनएआईडीएस (एचआईवी / एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम) की रिपोर्ट में कहा गया है, “कुछ सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में छह लाख फर्जी डॉक्टर काम कर रहे हैं और इनमें से करीब 2 लाख 70 हजार सिंध प्रांत में काम कर रहे हैं”
सिंध एड्स कंट्रोल प्रोग्राम के प्रांतीय प्रोग्राम मेनेजर सिकंदर मेमन का कहना है, “पैसे बचाने के लिए ये फर्जी डॉक्टर एक ही सिरंज से कई मरीजों का इलाज करते हैं. जो एचआईवी को बढ़ाने का मुख्य कारण है” एक विशेषज्ञ का कहना है कि बड़ी संख्या में अयोग्य डॉक्टर एक ही सिरंज का कई बार इस्तेमाल करते हैं, असुरक्षित तरीके से रक्त चढ़ाते हैं और गलत चिकित्सा पद्धतियों का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण ये बीमारी फैलती जा रही है”